परदेशी भाग 24


उस दिन शायद इतवार था। कॉलेज की छुट्टी होने से पूरे दिन कमल अपने कमरे में पड़ा बॉबी की याद में आहें भरता रहा। इधर बॉबी अपने कमरे मेें सिसकती रही। कमल के साथ बिताए लम्हों को याद करके रोती रही। रात होते-होते उसकी बैचेनी बढ़ती जा रही थी। रात करीब 1 बजे वह पानी पीने के लिए उठी और किचन में जा रही थी कि उसे शारदा देवी के कमरे में हलकी सी रोशनी दिखाई दी। कुछ आवाजें भी आ रही थीं। उसे पता था कि उसकी मां रात 10 बजे तक हर हाल में सो जाती थीं, इस समय उनकी जागना उसकी समझ में न आया।
उसके कदम अपने आप मम्मी के कमरे की तरफ बढ़ गए। शारदा देवी के कमरे की गलियारे की तरफ खुलने वाली खिड़की पर केवल परदा डला था। नीले जीरो वॉट के बल्ब की रोशनी उसी से झांक रही थी। बॉबी ने परदे को हलका सा हटाकर भीतर झांका तो उसकी आंखें फटी रह गई।
उसे अपनी यकीन ही नहीं हुआ कि उसकी आंखें जो देख रही हैं, वह सच भी हो सकता है। उसने सोचा कि शायद वह सपना देख रही है। बार-बार अपनी आंखें मली और फिर भीतर झांका। मगर दृश्य वही था और किसी बिच्छु की तरह उसके मन-मस्तिष्क में बार-बार डंक मार रहा था।
अंदर शारदा देवी पूरी तरह नंगी बेड पर लेटी थीं। उनके पास ही टॉमी खड़ा था। शारदा देवी ने अपनी दोनों टांगे फैलाई। बॉबी उनकी चूत देखकर दंग रह गई। शारदा देवी का शरीर तो गोरा था ही, रईसी और खान-पान के कारण इस ढलती उम्र में भी शरीर किसी जवान लड़की की ही तरह था। उनकी चूंचियां आज भी कसी हुई थीं। आकार कुछ बड़ा जरूर था, मगर एकदम गोल थीं और चूचिंयों के अग्रभाग पर गुलाबी निपल किसी पर्वत की चोटी पर लगे झंडे की तरह छत को ताक रहा था। और उनकी चूत, वह तो कुछ ज्यादा ही गोरी थी। उसके इर्द-गिर्द उनकी कटाव वाली चढ्डी का निशान नजर आ रहा था। अभी-अभी उन्होंने अपनी झांटे साफ की थीं, हलकी रोशनी में चूत सोने की तरह चमक रही थी।
बॉबी खिड़की के पास बुत बनी खड़ी थी, उसकी आंखें पलक तक नहीं झपक रही थीं। शारदा देवी ने एक शीशी से कुछ निकालकर अपनी चूत पर अच्छी तरह से मल लिया। इससे उनकी चूत और भी ज्यादा चमकने लगी।
फिर उन्होंने टॉमी को आवाज दी....कम ऑन टॉमी, स्टार्ट।
टॉमी जैसे किसी शिकार की घात में बैठा था। वह गौर से शारदा देवी को ही निहार रहा था। उसका लौड़ा बाहर लटक सा रहा था। शारदा देवी के मुंह से इनता निकलते ही वह कूदकर उनके पास पहुंचा और अपनी जीभ से उनकी चूत को चाटने लगा। टॉमी की खुरदुरी जीभ का स्पर्श उनकी चूत पर होते ही कमरा उनकी सिसकारियों से गूंजने लगा...।
आ..ह...अ...अ....आ.....ह...... यस टॉमी बस इसी तरह....ओ.....ह..... चाटते रहो।
टॉमी उनकी चूत को ऐसे चाट रहा था मानो यह उसका मन पसंद खाना हो। काफी देर तक टॉमी से अपनी चूत चटवाने के बाद शारदा देवी ने उसे हटने का इशारा किया। वह मानो उनके आदेश का गुलाम हो। हटकर एक तरफ खड़ा हो गया।
शारदा देवी बिस्तर पर घुटनों के बल बैठ गईं। उन्होंने अपने दोनों हाथ आगे टिकाकर किसी जानवर की तरह पोजिशन बना ली। उनकी गांड पूरी तरह खुली हुई नजर आ रही थी। गांड के नीचे से चमक रही थी उनकी गोरी चूत और चूत के बीच गुलाबी हिस्सा।
यस टॉमी कम ऑन एंड स्टार्ट। इस बार फिर शारदा देवी के मुंह से आवाज निकली।
टॉमी एकदम से उनके ऊपर आया और उचककर उनके ऊपर सवार हो गया। टॉमी का लौड़ा उनकी गांड और चूत के बीच झटका खा रहा था। टॉमी ने अपनी कमर को आगे धकेला ही था कि
शारदा देवी बोल पड़ीं... टॉमी थोड़ा नीचे, नहीं तो तुम्हारा लौड़ा मेरी चूत की बजाय गांड में घुस जाएगा।
टॉमी ने खुद को थोड़ा से नीचे किया और कमर को आगे धकेल दिया। उसका लंड लपलपाते हुए शारदा देवी की खुली चूत में घुस गया। शारदा देवी के मुंह से आनंद में डूबी जोरदार सिसकारी सी फूट पड़ी।
ओ...य...स....टॉ....म..... ऐसे ही...स्टार्ट।
टॉमी ने अपनी कमर को आगे पीछे करना शुरू कर दिया। वह जोर-जोर से अपनी कमर को आगे-पीछे हिला रहा था और शारदा देवी के मुंह से सिसकारियां फूट रही थीं। टॉमी काफी देर तक शारदा देवी की चूत को अपने जबर्दस्त लौड़े से मथता रहा। आखिर में उसने जोर से एक झटका खाया। शायद उसके लौड़े ने वीर्य उगल दिया था। शारदा देवी के मुंह से भी आखिरी सिसकारी निकली और उन्होंने उसके लौड़े को अपनी चूत में भींच लिया।
कुछ देर बाद बोलीं, हटो। टॉमी हटकर फिर एक तरफ खड़ा हो गया। शारदा देवी ने प्यार से उसे थपथपाया और कपड़़े पहनने लगीं। बॉबी इतना देखकर लौट आई। मम्मी का वासनाभरा यह खेल देखकर उसकी चूत में भी आग लग चुकी थी। उसका मन कर रही थी कि कमल अभी आए और अपना लौड़ा उसकी चूत में डाल दे।