परदेशी भाग 1

वासना मय हों....


मेरी पहली कहानी एक बहुत ही पुराना उपन्यास है,.. परदेशी...
इस उपन्यास को मैने तब पढ़ा था जब मैं शायद 10 या 11 साल का रहा होउंगा।
उपन्यास 60 के दशक में लिखा गया होगा.. आप समझ सकते हैं कि मस्तराम से पहले भी कई काबिल लेखक थे इस देश में...
आप लोगों को भी यह काफी पसंद आएगा... तो मजा लीजिए...