नंगी लड़कियां...4


खैर मानसी ने ब्रश किया, मुंह धोया और नहाने की तैयारी करने लगी। उस शख्स की नजरें स्क्रीन से चिपक सी गईं थी। मानसी ने शैम्पू निकाला और शॉवर के नीचे खड़ी हो गई। अभी वह शॉवर चालू करने ही वाली थी, कि अचानक रुक गई। शैम्पू वहीं साइड में रखा और कमोड की तरफ आ गई। अचानक वह हुआ जिसका उस शख्स को तबसे इंतजार था, जबसे मानसी बाथरूम में घुसी थी।
मानसी ने अपनी पैंटी को एक झटके से नीचे सरका दिया और उस शख्स को लगा कि उसकी धड़कन ही बंद हो जाएगी। पैंटी सरकाने के साथ ही मानसी कमोड सीट पर बैठ चुकी थी, मगर उस एक सेकेंड में उसकी चूत की जो झलक स्क्रीन पर आई, जैसे बिजली चमकी और उस शख्स की आंखें फ्रीज हो गईं। उसके लंड ने झटके से खड़े होकर मानसी की चूत को मानो सलामी सी दी।
मानसी कमोड पर बैठ चुकी थी और वह शख्स इंतजार कर रहा था कि कब वह उठे। उसे खुद पर गुस्सा आने लगा कि तीसरा कैमरा जिसमें कमोड का सीन सामने से नजर आता है, लगाना भूल क्यों गया? मानसी साइड से ही नजर आ रही थी। कमोड पर बैठी थी। उस शख्स ने एक ईयरफोन कानों पर चढ़ा लिया। उसके कानों में झर्र-झर्र की ऐसी आवाज टकराने लगी कि वह समझ गया कि मानसी पेशाब कर रही है।
वह उस आवाज के रुकने और मानसी के उठने का इंतजार करने लगा। आवाज आना बंद हुई और मानसी अचानक से खड़ी हो गई। इसी के साथ उसने पैंटी भी ऊपर चढ़ा ली। जैसे कि पहली बार हुआ था, वैसा ही इस बार भी हुआ, उसकी चूत की एक झलक नजर आई और वह शख्स पागल सा हो गया। वह बार-बार कैमरे के एंगल बदलने लगा कि जैसे मानसी की चूत दिख ही जाएगी।
वह बैचेनी से अपनी पैंट को ऊपर से ही रगड़ रहा था। उससे बर्दाश्त करना मुश्किल हो गया तो उसने पैंट की जिप खोली और हाथ अंदर डालकर लौड़े को बाहर निकाल लिया। उसका लंड एकदम तना हुआ सा लग रहा था। वह उसे बार-बार अपनी मुट्ठी में भींचने लगा।
मानसी शॉवर के नीचे पहुंच गई थी। और शॉवर खोलकर नहाने लगी। उसने शैम्पू निकाला और बालों में लगाकर धोने लगी। शैम्पू का झाग और शॉवर से गिरती हुई पानी ही फुहार उसके गोरे बदन पर फिसल रही थी। मानसी एक मिडिल क्लास फैमिली से बिलोंग करती थी। उसके यहां कॉमन बाथरूम ही था, इसलिए उसे ब्रा और पैंटी पहनकर ही नहाने की आदत थी। उसने बालों को धोया और डव साबुन निकालकर अपने बदन पर मलने लगी। पहले गोरी जांघों पर लगाया, फिर पेट और हाथ पीछे कर पीठ पर। इसके बाद न जाने उसके मन में क्या आया। हाथ पीछे कर ब्रा के हुक खोल दिए और ब्रा को निकालकर नीचे डाल दिया।
उसकी चूंचियां पिंजरे में कैद किसी पंछी के समान फडफ़ड़ाकर अजाद हो गईं। कसी हुई बिलकुल गोरी चूंचियां, जो ब्रा में कैद रहने के कारण और गोरी लग रही थीं। आगे एकदम खड़े गुलाबी निपल आग लगा रहे थे। जैसे ही मानसी की चूंचियां आजाद हुईं, उस शख्स ने जोर से अपने लंड को मुट्ठी में भींच लिया। मानसी चूंचियों पर साबुन लगाकर मल-मलकर धो रही थी। शायद उसे बहुत दिनों बाद चूंचियों को इस तरह धोने का मौका मिला था। इसके बाद उसने मुंह साफ किया और स्नान पूरा कर शॉवर के नीचे से निकल आई।
वह शख्स को अब भी उम्मीद थी कि शायद मानसी अपनी पैंटी भी सरकाएगी। मगर उसका यह ख्वाब पूरा न हो सका। शायद फैमिली ट्रेंड या मिले संस्कार के कारण मानसी पूरी तरह नंगी नहीं हो सकी। उसने टॉवल उठाकर खुद को लपेटा और पैंटी सरकाने लगी। गीली पैंटी नीचे आ गिरी और उसने अपनी चूंचियों को भी कवर करते हुए टॉवल इस तरह से लपेटा कि उसकी आधी जांघों तक आ रहा था। उसने हैंगर पर टंगी पैंटी उठाई और उसे पहनने लगी। पैंटी चढ़ाते हुए टॉवल पीछे से ऊपर हुई और उसके गोरे गोल चूतड़ों का नजारा शीशे में नजर आ गया, मगर यह कुछ ही पल के लिए था। मानसी की पैंटी ऊपर तक चढ़ गई थी। इसके बाद उसने टॉवल हटाकर ब्रा पहनी, फिर ढीला सा लोअर और टी-शर्ट। गीली पैंटी और ब्रा को धोकर वहीं हैंगर पर टांगकर वह बाहर निकल गई।
स्क्रीन पर कमरे का सीन था। मानसी बाल सुखा रही थी। मानसी के जिस्म का जितना हिस्सा नजर आया था, उतना ही किसी को भी बेकाबू करने के लिए काफी था। उस शख्स की सांसे तेज चल रही थी और उसका हाथ तेजी से आगे-पीछे हो रहा था। अचानक उसके मुंह से तेज आह निकली और उसने लंड को छोड़ दिया। शायद उसका काम तमाम हो चुका था। वहां रखे एक टिश्यू पेपर से हाथ पोछते हुए उसने सोचा कि जैसे ही मौका मिलेगा एक कैमरा कमोड के सामने लगाएगा। ताकि मानसी की चूत का पूरा दीदार कर सके। आज उसकी इच्छा किसी और कमरे में झांकने की नहीं हुई, इसलिए उसने सारी स्क्रीनें बंद की और बाथरूम में घुस गया। हाथ धोकर आया और बाहर निकल गया।