नंगी लड़कियां...3


एक कमरे में करीब छह-सात टीवी स्क्रीन लगीं थी। हर एक स्क्रीन में किसी न किसी कमरे का दृश्य ठीक वैसा ही था जैसा कि लाइव क्रिकेट मैच में होता है। किसी कमरे में बैठ पर कुछ लड़कियां लेटी थीं तो कोई कमरा खाली था।
अरे यह क्या एक कमरे में पलक नजर आई। वह अभी-अभी दरवाजा खोलकर अंदर आई थी। और एक दूसरे कमरे का नजारा.. उसमें अभी-अभी मानसी ने प्रवेश किया था। सामान एक तरफ रखकर बैड पर पसर गई। उस कमरे में अंधेरा था। सामने एक रिवाल्विंग चेयर पर एक शख्स बैठा था। सामने उन स्क्रीन का कंट्रोल पैनल था और बगल में टेबल, जिस पर शराब की बोतलें सजी थी। एक गिलास सामने टेबल पर रखी थी और वह शख्स उस गिलास से एक-एक घूंट गले में उतार रहा था। उसकी नजरें केवल उसी स्क्रीन पर जमीं थीं, जिस पर मानसी नजर आ रही थी।
तभी मानसी उठी और बैग से अपने कपड़े निकालने लगी। कपड़े निकालकर बाथरूम में घुस गई। उस शख्स ने कंट्रोल पैनल में लगे बटनों में छेड़छाड़ की और यह क्या अब स्क्रीन पर एक बाथरूम का नजारा था। बाथरूम में अभी-अभी मानसी घुसी थी और वह चिटकनी लगा रही थी।
मानसी ने अपने कपड़े हैंगर पर टांगे और टॉप उतारने का उपक्रम करने लगी। उस शख्स की आंखों में अचानक से चमक आ गई। मानसी ने हाथ ऊपर करके अपना टॉप उतार दिया और उसका खूबसूरत गोरा जिस्म दिखने लगा। उसने पिंक कलर की ब्रा पहन रखी थी। पिंक ब्रा में से उसकी चूंचियों का ऊपरी हिस्सा साफ नजर आ रहा था। ब्रा में कसी एकदम तनी हुई उसकी चूंचियां देखकर उस शख्स का हाथ अपने आप ही पैंट के ऊपर चला गया। वह नीचे जींस पहने हुई थी जो उसकी पतली कमर पर अटकी थी। तभी मानसी कुछ उठाने के लिए घूमी और उसकी पीठ स्क्रीन पर नजर आने लगी। कमर के नीचे जींस में ही उसके चूतड़ों का उभार किसी को भी मदमस्त कर सकता था।
तभी मानसी का हाथ जींस के बटन पर गया और वह उसे खोलने लगी। उस शख्स की सांसे तेज होने लगीं। मानसी ने जींस की बटन खोली और उसे नीचे सरकाने के लिए मसक्कत करने लगी। जींस काफी टाइट थी, जो उसकी जांघों से चिपकी हुई सी थी। थोड़ा जोर लगाकर उसने जींस को नीचे सरका ही दिया। जींस मानसी की केले के समान चिकनी जांघों से सरकती हुई नीचे आ टिकी। मानसी की गोरी, चिकनी और सुडौल जांघें, जिन पर एक भी रोयां नहीं, देखकर उस शख्स ने जोर से अपनी पेंट पर एक खास स्थान को मुट्ठी में भर लिया।
मानसी बाथरूम में बड़े से आईने के सामने खड़ी थी। उसकी गोरी जांघों के बीच कसी हुई पिंक पैंटी साफ नजर आ रही थी। पैंटी के बीच के छोटे से उभार को देखकर ही अंदाजा लग रहा था कि उसकी चूत अभी तक कुंवारी है। उसे किसी के हाथों का सही स्पर्श नहीं मिला है।
तभी उस शख्स ने कंट्रोल पैनल पर हाथ चलाए और अब स्क्रीन पर दृश्य बदल गया। अब मानसी की पीठ नजर आ रही थी। मानसी की पैंटी उसके चूतड़ों को ढंकने की नाकाम सी कोशिश कर रही थी। जींस पहनने के कारण उसने वह पैंटी पहनी थी, जिसकी स्ट्रिप चूतड़ों के बीच रहती है ताकि जींस पर से उसका आभास न हो। पतली कमर के नीचे उसके गोल, गोरे और कसे हुए चूतड़ गजब ढा रहे थे। वह शीशे के सामने खड़ी थी। शीशे में ब्रा में कसी उसकी चूंचियां, पैंटी में उभरी उसकी चूत नजर आ रही थी, तो मेन कैमरे से उसका पिछवाड़ा दिख रहा था।
मानसी एक बेहतरीन फिगर की मालकिन थी और जवानी का हर गुण उसमें कूट-कूटकर भरा था। ऊपर से गोरा रंग आग लगाने का काम कर रहा था। मानसी कुछ देर खुद को ही शीशे में निहारती रही, फिर अचानक टॉवल उठाकर खुद पर लपेटा और मुड़कर बाथरूम का दरवाजा खोलकर बाहर निकल गई।
उस शख्स ने कंट्रोल पैनल पर उंगलियां चलाई और कमरे का सीन सामने था। मानसी ने बैग से शैम्पू, साबुन, पेस्ट और ब्रश निकाला और फिर बाथरूम में घुस गई। स्क्रीन पर फिर से बाथरूम का सीन था। मानसी टॉवल निकालकर हैंगर पर टांग चुकी थी और सारी वस्तुएं करीने से साइड की एक अलमारी में जमा दी। पेस्ट निकालकर ब्रश पर लगाया और अपने दांतों को चमकाने लगी। उधर उसकी काया स्क्रीन पर चमक रही थी और उस शख्स की सांसे तेजी से आ-जा रही थी। वह बार-बार गिलास से घूंट भरता और अपनी पेंट पर हाथ से दबाने लगता।