परदेशी भाग 21


कमल भी थके कदमों से कमरे में पहुंचा और धम्म से बिस्तर से गिर सा पड़ा। उसकी आंखों के सामने वही तस्वीरें घूम रही थीं। दिल कह रहा था कि बॉबी ऐसी नहीं हो सकती। वह केवल उसी से प्यार करती है, मगर दिमाग, दिल की बात दबा देता। दिमाग में बार-बार वही तस्वीरें आकर अटक जातीं और वह सोचने पर मजबूर हो जाता कि बॉबी भी ऐसी ही है, बिलकुल अपनी सहेली मधु की तरह। तभी तो दोनों सहेलियां हैं। नहीं तो बॉबी कैसे मधु जैसी लड़की की सहेली हो सकती है।
इधर मधु अपने कमरे में आईने के सामने खड़ी थी। उसने अपनी मैक्सी उतार फेंकी और एक-एक कर चड्ढी और ब्रा भी उतार दी। उसकी गोरी चूंचियां तनी हुई थीं और गुलाबी निप्पल किसी के भी होश उड़ा दे। उसकी चूत एकदम चिकनी चमक सी रही थी। उसने आज ही झांटे साफ की थी। गोरी-चिनकी चूत के बीच से झांकता दाना उसे और सेक्सी बना रहा था।
वह एक हाथ से चूत को सहलाकर बुदबुदाई, घबरा मत मेरी चूत रानी, तेरा ही इंतजाम करने जा रही हूं।
इतना कहकर उसने अपने नंगे जिस्म पर केवल मैक्सी डाली और बिस्तर की साइड में रखे दूध के गिलास में एक गोली डाली। चम्मच से दूध को हिलाया और उसे लेकर कमरे से बाहर निकल गई।
कमल के दिलो-दिमाग की जंग में दिमाग की जीत हुई थी। वह दिल का दर्द आंखों के रास्ते बह रहा था, मगर दिमाग ने ठान लिया कि कभी बॉबी से नहीं मिलेगा। जैसे बॉबी मजे करती है, वह भी करेगा। यही सोचते-सोचते उसने आंखें बंद कर ली।
कुछ देर बाद मधु दूध का गिलास लेकर उसके कमरे में दाखिल हुई। उसने कमल का गमगीन चेहरे पर एक नजर मारी। उसकी आंखें बंद थीं और आंखों की कोरों से आंसू बहकर सूख चुके थे।
मधु ने पुकारा, कमल..।
कमल ने धीरे से आंखें खोली और मधु को सामने देखते ही उठकर बैठ गया। वह मधु से नजरें नहीं मिला पा रहा था, जिसके सामने अपने प्यार का दावा करता फिरता था, उसी ने उसके प्यार की पोल खोलकर रख दी थी।
उसने केवल इतना ही कहा, अं....हां....।
कमल, जिंदगी में ऐसे दौर आते ही रहते हैं। तुम बॉबी को भुलाकर पढ़ाई में मन लगाओ और किसी चीज की जरूरत हो तो मुझे बताओ। मैं हूं न।
कमल ने भी खुद को पूरी तरह संभाल लिया था। वह मधु के सामने खुद को कमजोर साबित नहीं करना चाहता था।
उसने कहा, हां सो तो है। इतना कहकर वह मुस्कुरा दिया।
उसके चेहरे पर मुस्कुराहट देखकर मधु को चैन आया। वह बोली, लो दूध पी लो।
कमल भी थोड़ा शरारती मूड में आने का दिखावा करते हुए बोला, कौन सा दूध पिउं, ये वाला या वो वाला। उसने मधु की चूंचियों की तरफ इशारा करते हुए आंखें मटकाई।
दूध तो यही पीना पड़ेगा, इनमें अभी दूध कहां निकलेगा। मधु भी शरारत से मुस्कुराकर बोली।
दूध न सही जवानी का रस तो है, अब तुम पिलाना न चाहो तो और बात है।
तुम ये वाला दूध पियो तो सही, फिर कहोगी तो ये वाला भी पिला दूंगी। मधु अपनी एक चूंची पर उंगली रखते हुए खुलकर बोली।
कमल उसकी हरकत पर हड़बड़़ा गया और बोला, अरे मैं तो मजाक कर रहा था।
तुम दूध पियो तो सही। फिर जो कहोगे करूंगी। इतना कहकर मधु ने कमल को दूध का गिलास पकड़ा दिया।
कमल एक ही सांस में पूरा गिलास खाली कर गया और मुंह पोंछते हुए गिलास मधु को थमा दिया।
गिलास लेते हुए मधु बोली, अब पिलाउं ये वाला दूध।
अरे भई मैं तो मजाक कर रहा था, तुम तो सीरियस होने लगी।
तुम्हारा मजाक ही तो मेरी एकमात्र तमन्ना है कमल, तुम नहीं समझोगे। मधु धीरे से बोली।
अं....क्या...कहा...तुमने...कमल पर नशे की गोली असर होने लगा था।
कुछ नहीं मधु, बोली।
वैसे मधु, तुम बहुत खूबसूरत हो। कमल अटक-अटककर इतना ही कह पाया। नशा उसके दिमाग पर हावी हो चुका था।
बिना कपड़ों के मैं और भी खूबसूरत लगती हूं। इतना कहकर मधु ने अपनी मैक्सी सरका दी। वह एकदम नंगी कमल के सामने खड़़ी थी।
कमल कुछ देर उसके चमकते गोरे शरीर को निहारता रहा। उसका लंड पैजामे से आने को बेताब होने लगा।
वह मधु को देखते हुए बोला, वाकई तुम्हारा शरीर बहुत सुंदर है।
ेये पूरा शरीर तुम्हारा ही कमल। आओ ले लो। मधु बांहें फैलाकर बोली।
कमल लडख़ड़ाती आवाज में बोला, मुझे तो बस अपनी चूंचियां और चूत दे दो। बाकी शरीर अपने पास ही रख लो।
तो ले लो न मैने कब मना किया, मधु कांपते स्वर में बोली।
कमल ने आगे बढ़कर उसे बांहों में जकड़ लिया और गोद में उठाकर बिस्तर पर लेटा दिया। मधु के मन में फुलझडि़य़ां सी छूट रही थीं। उसने कमल के होंठों को चूम लिया और जल्दी-जल्दी उसके सारे कपड़े उतार फेंके। कमल का तना लौड़ा देखकर मधु की आंखों में वासना भरी चमक लहरा उठी। उसने कमल के लंड को थाम लिया और उसे प्यार से सहलाने लगी।
इधर कमल उसके होंठों को चूमते हुए उसकी चूंचियों को दबा रहा था। मधु के मुंह से सिसकारियां फूटने लगी।
ओ..ह...कमल...और जोर से भींचों इन्हें। बहुत तड़पाया है तुमने।
कमल नीचे सरका और उसकी चूंचियों को मुंह से प्यार करने लगा। वह धीरे-धीरे चूंचियों को चूमने और चूसने लगा। उसका हाथ मधु की चिकनी चूत पर दौड़ रहा था।
चूंचियों को चूमते-चूसते कमल नीचे सरकने लगा और उसकी आंखों के सामने मधु की गोरी चूत थी। वह कुछ देर चूत को निहारता रहा और मुंह उस पर रख दिया। मधु ने टांगे फैला दी। उसकी चूत के दोनों होंठ खुल गए और कमल जीभ निकालकर चाटने लगा। मधु आनंद के सागर में गोते लगा रही थी।
ई...ई...आ....आ.....सी...सी....कमल और जोर से चाटो इसे। खा जाओ मेरी चूत को।
कमल उसकी चूत को चाटता रहा। जीभ से दाने को कुरेदता रहा। चूत के छेद में जीभ घूसडऩे की कोशिश करता। मधु उसकी हरकतों पर सिसियाती रही। मधु से बर्दाश्त नहीं हो रहा था। उसने कमल को धक्का सा देकर हटाया और बिस्तर पर गिराकर उसका लंड थाम लिया।
कमल का गोरा, कड़क लौड़ा देखकर उसके मुंह में पानी आ रहा था। उसने गप्प से उसे मुंह में भर लिया। अब सिसकारी भरने की बारी कमल की थी। मधु उसके लंड को किसी लॉलीपॉप की तरह जोर-जोर से चूस रही थी और कमल अपनी कमर उचका-उचकाकर उसके मुंह में लंड को और अंदर तक घुसेडऩे की कोशिश कर रहा था।
कमल का लौड़ा मुंह में लिए हुए ही मधु अचानक घूमी और उसकी चिकनी गांड कमल के मुंह की तरफ थी। कमल ने उसकी गांड के बीच सहलाया और उसे उठाकर अपने मुुंह पर रख लिया। मधु आनंद से कांप उठी। कमल उसकी गांड के बीच अपना मुंह डालकर चाट रहा था। उसकी जीभ कभी मधु की गांड तो कभी चूत के छेद पर थिरकती। मधु आनंद से पागल हुई जा रही थी, वह कमल के लंड की इस तरह चूस रही थी कि मानो आज खत्म करके ही मानेगी।
उसकी चूत की तड़प जब ज्यादा बढ़ गई तो वह कमल के ऊपर से उठी और उसकी कमर के दोनों तरफ अपने पैर करके उसके लंड को अपनी चूत के छेद पर लगाकर बैठ गई। कमल का लंड फचाक से उसकी चूत में जड़ तक घुस गया। मधु वासना से पागल हो रही थी, वह जोर-जोर से कमल की कमर पर कूदने लगी। कमल का लंड उसकी चूत में तेजी से अंदर बाहर हो रहा था। कमल ने मुंह उठाया और उसकी चूंचियों पर लगा दिया। उसकी चूंची एक-एक कर चूसने लगा। इधर मधु के धक्कों में तेजी आती जा रही थी। अचानक उसने अपनी चूत तो जोर से भींचा और कमल के लंड ने भी वीर्य उगल दिया जो मधु की चूत को अंदर तक भिगोता चला गया।
मधु कुछ देर ऐसे ही कमल के ऊपर पड़ी रही। फिर उठी और प्यार से कमल के लंड को मैक्सी से ही साफ किया। उसे एक बार फिर मुंह में डाल लिया। मधु की प्यास अभी बुझी नहीं थी। मधु के मुंह की गर्मी पाकर कमल का लौड़ा फिर से अंगड़ाई लेने लगा। इस बार मधु ने कमल को उठाया और अपने ऊपर ले लिया। कमल ने मधु की चूत में फिर से अपना लंड डाल दिया और चारपाई एक बार फिर आवाज करने लगी। इस बार कमल ने ऐसी चुदाई की कि मधु की चूत की सारी प्यास बुझ गई। मधु की चूत तृप्त हो चुकी थी। कमल बगल में पड़ा जोर-जोर से हांफ रहा था।
मधु उठी, उसने जाने के पहले एक बार फिर कमल का लंड चूमा और मैक्सी पहनकर चली गई। इस जोरदार चुदाई के बाद कमल में उठने की हिम्मत नहीं बची थी। वह वैसे नंगा ही सो गया।