परदेशी भाग 19


बॉबी भरे मन से घर तो आ गई, मगर उसका मन अस्पताल में कमल के साथ ही था। नीचे ड्राइंग रूम में शारदा देवी बैठी कुछ फाइलों को देख रही थीं। बॉबी को गुमसुम देख उसकी मां को चिंता हुई, मगर बॉबी उनसे कुछ कहे बिना अपने कमरे में चली गई।
कमल चार दिन क्लिनिक पर ही रहा। उसे अंदरूनी चोट आई थी और जख्मों पर रोज मरहम-पट्टी भी करना पड़ती थी। बॉबी रोज घर से कॉलेज के लिए निकलती और सीधे क्लिनिक पहुंच जाती। पूरे दिन कमल की सेवा में लगी रहती। दोनों दिनभर में खूब बातें करते। गांव की, कॉलेज की, चुदाई की और प्यार की। बॉबी ने फिर कभी उस हादसे का जिक्र नहीं किया और कमल भी इसे भूलना चाहता था।
पांचवे दिन कमल को छुट्टी मिल गई। बॉबी चाहती थी कि वह उसे लेकर उसके कमरे पर जाए, मगर बॉबी जानती थी कि वहां मधु के माता-पिता थे और वे कमल से उसकी नजदीकी जानकर शारदा देवी को खबर भी कर सकते थे। शारदा देवी से उनकी काफी घनिष्ठता थी। इसलिए बॉबी ने भरे मन से क्लिनिक से ही कमल को अलविदा कहा और घर लौट आई।
इधर विनोद और रंजीत ने कॉलेज में बॉबी की बदनामी शुरू कर दी थी। दीवारों पर कमल और बॉबी को लेकर तरह-तरह के नारे लिखे गए थे। कॉलेज के छात्र-छात्राओं में उनके प्यार-मोहब्बत के साथ चुदाई के किस्से मशहूर हो रहे थे। लड़के-लड़कियां चुदाई के किस्से गढ़ते और चटखारे लेकर एक-दूसरे को सुनाते।
बॉबी की चूत किसके लिए, कमल के लिए।
कमल का लंड घुसा बॉबी की चूत में।
बॉबी की चूत की चकाचक सफाई के लिए इस्तेमाल करें लाइफबॉय साबुन।
बॉबी की चड्ढी खुली, कमल के लिए।
कुछ इसी तरह के नारों से कॉलेज की दीवारें रंग गईं थीं।
कमल और बॉबी जब कॉलेज पहुंचे तो उनका सामना इसी तरह के नारों से हुआ। कॉलेज में हरेक केवल उन्हीं दोनों के किस्से चटखारे लेकर सुनता और सुनाता।
कमल बॉबी को तसल्ली देना चाहता था, मगर वह कुछ कह नहीं पा रहा था।
बॉबी इस पर ध्यान नहीं देती बल्कि वह अब और ज्यादा खुलकर कमल के साथ ही रहने लगी थी, मानो अब बदनामी का डर भी खत्म हो चुका था। यह सब देखकर विनोद और रंजीत अंदर ही अंदर जलते मगर कुछ कर नहीं पा रहे थे। उन्हें डर था कि बॉबी ने यदि उनकी शिकायत प्रिंसिपल को कर दी वे कॉलेज से निकाल दिए जाएंगे।
प्रिंसिपल के कानों तक भी बॉबी और कमल के संबंधों की चर्चा पहुंच चुकी थी। रही-सही गवाही दीवारों ने दे दी। उन्होंने बॉबी को बुलाकर इस मामले में पूछताछ करने की कोशिश की।
वह केवल इतना ही बोली कि शरारती लड़कों की हरकत है सर आप प्लीज मेरे घर पर मत बताना नहीं तो कॉलेज आना बंद कर दिया जाएगा।
मगर बॉबी इस तरह कैसे चल पाएगा। इस तरह तो तुम पढ़ाई नहीं कर पाओगी।
कुछ नहीं सर कुत्ते हैं। कुछ दिन भौंकेंगे फिर खामोश हो जाएंगे।
ठीक है प्रिंसिपल ने कहा, मगर तुम कुछ दिन कॉलेज आना बंद कर दो। तुम्हें न देखकर शायद चर्चाएं भी थम जाए।
बॉबी विरोध करने लगी तो प्रिंसिपल ने कहा, देखो बॉबी तुम अगर मेरी बात नहीं मानोगी तो मुझे मजबूरन तुम्हारी मां को सब बताना होगा। तुम कॉलेज आना बंद कर दो। एक सप्ताह ही बात है। यहां मैं सब संभाल लूंगा।
ठीक है, बॉबी मजबूरी भरे स्वर में बोली और केबिन से निकल गई।
कॉलेज के बगीचे में कमल के साथ बॉबी बैठी थी, मगर गुमसुम, चुपचाप सी थी।
कमल ने पूछा, क्या हुआ। आज इतनी खामोश क्यों हो।
हमे लेकर जो बातें चल रही हैं, वह सर को पता चल गईं। उन्होंने कहा कि कुछ दिन कॉलेज मत आओ। वे सब ठीक कर देंगे।
कमल, बॉबी की आंखों में झांकता, जिनमें आंसू तैर रहे थे। वह उसका हाथ थामकर बोला। सर ठीक कह रहे हैं बॉबी। तुम्हें कुछ दिन यहां न देखकर बातें खत्म हो जाएंगी।
लेकिन कमल, तुम्हारे बिना अब एक पल नहीं रहा जाता। बॉबी उदास स्वर में बोली।
कौन सा हमेशा के लिए जा रही हो। कुछ ही दिन की तो बात है। फिर हम साथ होंगे।
बॉबी ने कमल के कंधे पर सिर रख दिया और कमल उसका सिर हौले-हौले सहलाने लगा।
बॉबी ने अगले दिन से कॉलेज आना बंद कर दिया। उसने यह केवल मधु को ही बताया था। कमल का लंड पाने की मधु की हसरत खत्म नहीं हुई थी। उसे लगा कि इससे अच्छा मौका उसे नहीं मिल सकता। उसने रंजीत को लालच दिया कि बॉबी की चुदाई करवा देगी और कमल को हासिल करने का प्लान बनाया।